(अनवर चौहान) नई दिल्ली: जेएनयू विवाद में फंस सकती है दिल्ली पुलिस। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसी ने जो गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उसमें कहा है कि जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भारत विरोधी नारे नहीं लगाए थे। दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारियों ने अतिउत्साह में कार्रवाई करते हुए कन्हैया के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया। कन्हैया फिलहाल पुलिस हिरासत में है। उसकी गिरफ्तारी के बारे में जो रिपोर्ट है, उसका विवादित कार्यक्रम के वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है। फिलहाल सोशल मीडिया पर उसके भाषण के फुटेज हैं, जिसमें भारत विरोधी बयान नहीं हैं। हालांकि पुलिस कमिश्नर बस्सी का कहना है कि कन्हैया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अफ़जल गुरु को लेकर जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उसमें जो नारेबाज़ी हुई वो डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन से जुड़े छात्रों ने की...जो सीपीआई माओवादी की फ्रंट संस्था मानी जाती है। उधर कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बारे में दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि `भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी`  छात्रों का व्यवहार देशद्रोही था। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 14 फरवरी को हुई गिरफ्तारी के बाद यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजी गई थी। यह रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल तैयार की है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का कहना है कि कन्हैया कुमार के खिलाफ पुख्ता प्रमाण जल्द पेश किए जाएंगे। कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। दिल्ली पुलिस के प्रमुख बीएस बस्सी और  केंद्र सरकार ने इस छात्र नेता की गिरफ्तारी को सही ठहराया है। कन्हैया की गिरफ्तारी को लेकर प्रतिष्ठित जेएनयू और अन्य परिसरों के छात्रों और शिक्षकों  में काफी गुस्सा है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर एकजुट है और उनका कहना है कि इससे विरोध की आवाजों को कुचलने का सरकार के इरादे का पर्दाफाश हो  गया  है।
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू परिसर में 9 फरवरी को एक पुलिसकर्मी ने एक पोस्टर देखा, जिसमें संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक रैली में भाग लेने के लिए छात्रों से कहा गया था। जेएनयू के अधिकारियों को माहौल ख़राब होने की चेतावनी दी गई, जिसके बाद  विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कार्यक्रम को इजाजत देने से इनकार कर दिया। हालांकि इसके बावजूद कन्हैया कुमार जैसे छात्र कथित रूप से एक लोकप्रिय ढाबे पर जमा हो गए। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक `वाम समर्थित छात्र गुटों` ने  वहां भारत विरोधी नारे लगाए। `भरोसेमंद सूत्रों` की जानकारी के मुताबिक कन्हैया कुमार सहित करीब 15 छात्र दोषी हैं। वाम समर्थित छात्र गुटों के विरोधी बीजेपी के छात्र समूह एबीवीपी के सदस्य भी ढाबे पर पहुंच गए और उन्होंने `भारत माता की जय` के नारे लगाए। विरोधी छात्र गुटों ने एक-दूसरे पर जुबानी हमला बोला, लेकिन इसके बाद वे सभी वहां से शांतिपूर्वक चले गए।